
Address :- VILLAGE BANWALA HANWANTA TEHSIL & DISTT. FAZILKA, PUNJAB
Founder :- NIROG JEEVAN SANSTHAN®
New Invention in Health Sector :- NEURO 108 HEALING SYSTEM®
* Successful treatment of more than 22 lakh patients by organizing 545 15-dayss camps all over india in the last 30 years.
* Amazing invention of Neuro 108 Healing System for children handicapped from birth
* Entire life dedicated to serving the health of humanity
* Successful treatment of more than 27000 children with wheat allergy.
* Successful treatment of more than 2000 children with cerebral palsy.
Social Media :- World Famous through Youtube and Facebook and has millions of viewers.
SANT JAGDISH MUNI
Mob. No.75893 37000
The confluence of the yoga guru and the wonderful doctor, the wonderful saint Jagdish Muni
Named by Unique World Records for holding the most 15-day health camps all over the world
Saint Jagdish Muni, who is illuminating the name of his teachers and teachers in the country and the world through neuro-healing method
Sant Jagdish Muni got a chance to learn from Vishwa Guru Acharya Rajneesh Osho while living with him.
Sant Jagdish Muni is the only saint to organize 464 camps of 15 days naturopathy all over the world.
Take a heartfelt resolution to respect the nation builder teachers
Till date no government assistance has been taken in world class health services
On behalf of Nirog Jeevan Sansthan and Sant Jagdish Muni ji, on behalf of Teacher's Day, a lot of respects to Buddha, saints, saints and teachers.
Guru Gobind Dou standing, Kake applied Paye.
Balihari Guru, you tell me Govind Diyo.
Today, the holy day of 5th September is being celebrated as Teacher's Day all over India. A teacher who always illuminates the life of his student by burning himself. Every teacher of the country and the world deserves respect and reverence. The contribution of India's first female teacher Savitribai Jyotirao Phule in the promotion of education in India can never be forgotten. At the same time, former President of India and great statesman Dr. Sarvepalli Radhakrishnan, who expressed his love and respect for the nation builder teachers, started celebrating his birthday on 5th September as Teacher's Day.
Every teacher in the country is great and deserves respect because on the shoulders of a teacher is the responsibility of building a strong and healthy nation, which he has always been carrying out with full devotion and honesty. Education and health are paramount for any human being because on the basis of education any person can achieve the biggest success in his life but for this it is also necessary to be healthy. That is why education and health have always been given the highest importance all over the world.
Sant Jagdish Muni ji, the founder of Nirog Jeevan Sansthan, Village Banwala Hanwanta, Fazilka, is being celebrated in the whole country today amidst the world-wide neuro-healing system of medicine, giving miraculous treatment to his teachers and teachers. Devotees whole life in the service of the public. Sant Jagdish Muni ji is not interested in any introduction today and he is known as a wondrous saint not only in the country but all over the world. Sant Jagdish Muni ji while bowing to his teachers, saints and teachers says that he has been taught here that respect your gurus and keep working, do not worry about the results. Accordingly, they are engaged in the service of the country and the world through neuro-healing method.
सादे कपड़ों में ‘मानवता के सच्चे संत’: जगदीश मुनि जी महाराज
न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम, प्राकृतिक चिकित्सा में अद्भुत और शक्तिशाली खोज
शिक्षा
फिजिक्स, केमिस्ट्री व गणित (
NON MEDICAL MATH)
बैचलर
आचार्य रजनीश ओशो जैसे महापुरुषों का मिला सान्निध्य
संत जगदीश मुनि जी महाराज को अपने जीवनकाल में विश्व के उच्चकोटि महापुरुषों व संतजनों का सान्निध्य मिला। यहीं कारण है कि उनके जीवन में इन महान संतों की शिक्षाओं व सद्गुणों की झलक देखने को मिलती है। संत जगदीश मुनि जी को दिल्ली में महर्षि भारद्वाज, ऋषिकेश में स्वामी रामसुखदास, हरिद्वार में स्वामी शरणानंद व पुणे में आचार्य रजनीश ओशो का सान्निध्य मिला। संत जगदीश मुनि जी कहते हैं कि इन महान पुरुषों के संपर्क में आने से उनका जीवन ही बदल गया।
वर्षों का कठोर तप, तभी ऐसा तेज और प्रताप
संत जगदीश मुनि जी महाराज ने महापुरुषों की सानिध्य में रहते हुए ऐसी कठिन तपस्या की जो सामान्यत: किसी के वश की बात नहीं। उन्होंने लगातार 5 वर्षों तक कठोर तप किया जिसमें लगातार 24 घंटे में सिर्फ 2 घंटे विश्राम करना शामिल रहा। आज उसी कठोर तपोबल का परिणाम है कि महाराज के तेज और प्रताप से कोई भी बिना प्रभावित हुए नहीं रह सकता।
नई खोज, नया अविष्कार
संत जगदीश मुनि जी महाराज ने सनातन से चली आ रही योग एवं नेचुरलपैथी में न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम की नई खोज की है जिससे सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी व लकवा का सफल इलाज संभव हो पाया है। उनके द्वारा की गई खोज आज पूरी मानवता के लिये वरदान साबित हो रही है।
शिविर
आज तक पूरे देश में 15 दिवसीय 545 शिविरों का आयोजन किया गया। अगर गणित के हिसाब से कैलकुलेशन करें तो कुल दिन 8145 दिन बैठते हैं और सालों की गिनती करीब 23 साल बनती हैं। यानि कि संत जगदीश मुनि जी महाराज द्वारा 23 सालों में पूरे देश में प्राकृतिक चिकित्सा कैंप लगाए हैं जो पढऩे और लिखने में तो कठिन लगता है लेकिन असलियत में तो असंभव लगता है लेकिन जिसे संत जगदीश मुनि जी महाराज ने साकार करके दिखाया है। ऐसी महान विभूति को शत शत नमन।
शिविरों में घंटों खड़े रहकर चिकित्सा सेवा
संत जगदीश मुनि जी महाराज एक ऐसे संत हैं जो अपने पैर दबावते नहीं बल्कि उनके पास इलाज के लिये आई संगत के शरीर के अंग दबाकर इलाज करते हैं। शिविरों में उनके द्वारा यह चिकित्सा सेवा खड़े होकर बनती है। उनके द्वारा पिछले 10 वर्षों में 36000 घंटे खड़े हो कर रेकी चिकित्सा की गई है जिससे लाखों रोगियों का सफल इलाज हुआ है और उन्हें नया जीवन मिला है।
लोगों में जगा रहे योग की अलख
शिविर में आने वाले रोगियों की सुबह योग क्लास लगाई जाती है जिसमें प्रतिदिन महाराज जी द्वारा प्रतिदिन महर्षि पतंजलि के दर्शन मार्ग पर योग क्रियाएं करवाते हुए स्वस्थ स्वास्थ्य का संदेश दिया जाता है। संत जगदीश मुनि जी की प्रेरणा से आज लाख लोग संगत योग को अपने जीवन की दिनचर्या बना चुकी है।
15000 से अधिक नौजवानों को दिया प्रशिक्षण
संत जगदीश मुनि जी महाराज द्वारा लोगों को जिसमें विशेष रूप से नौजवानों को प्राकृतिक चिकित्सा से जुडऩे के लिये प्रेरित किया जाता है। यहीं कारण है कि पूरे देश में आज उनके शिक्षार्थियों की संख्या हजारों में है। एक अनुमान के अनुसार पिछले 30 वर्षों में संत जी महाराज ने पूरे भारतवर्ष में 15000 से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर रोजगारपद बनाकर सफल जीवन जीने का मार्ग प्रदान किया है।
जान से खतरा, राष्ट्र हित ही सर्वोपरि
संत जगदीश मुनि जी महाराज द्वारा बिना दवाई और बिना इंजैक्शन जो स्वस्थ भारत अभियान शुरू किया गया है। इस वजह से ड्रग माफिया व शरारती तत्वों की धमकियां उन्हें अकसर मिलती रहती है। एक बार उनके आश्रम में ही घातक हमला किया गया लेकिन खुश किस्मती यह रही कि उस समय महाराज जी आश्रम से बाहर थे। इतना सब होने के बावजूद बिना जान की परवाह किए वो लगातार सेवा जारी रखे हुए हैं। उनका मानना है कि उनको भी पता है कि उनकी जान को खतरा है लेकिन राष्ट्रहित से सर्वोपरि कोई नहीं है।
बाक्स
संत जगदीश मुनि, नाम एक लेकिन काम अनेकोनेक
-हिन्दुस्तान को रोग मुक्त बनाने में जुटे संत जगदीश मुनि जी महाराज
-पूरी दुनिया में सबसे अधिक 15 दिवसीय स्वास्थ्य कैंप लगाने पर लिम्का बुक आफ रिकार्ड में नाम हुआ दर्ज
-पूरी दुनिया में ‘चमत्कारिक संत’ के रूप में पहचान बना चुके संत जगदीश मुनि
-बीमारी कोई भी हो, कैसी भी हो, सिर्फ 5 दिनों के इलाज में मिलेगा लाभ
-30 वर्षों से निस्वार्थ तरीके से देश वासियों की सेवा में जुटे संत जगदीश मुनि
-व्हीट एलर्जी और सीपी रोगियों के लिये उम्मीद की सबसे बड़ी किरण बने संंत जगदीश मुनि
-संत जगदीश मुनि जी का एक ही सपना, हिन्दुस्तान हो पूरी तरह से रोग मुक्त
28 लाख से अधिक लोगों को स्वस्थ कर चुके संत जगदीश मुनि जी महाराज
आज संत जगदीश मुनि जी फाजिल्का समेत देश और दुुनिया में किसी पहचान के मोहताज नहीं है और पूरी दुनिया उन्हें ‘चमत्कारिक संत’ के रूप में जानती हैं। संत जगदीश मुनि जी द्वारा शुरू की गई विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा के तहत पूरे देश में अब तक 15 दिवसीय न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम के करीब 600 कैंपों का आयोजन किया जा चुका है और उनकी चमत्कारिक पद्धति से 28 लाख से अधिक लोगों को विभिन्न रोगों से निजात मिली हैं।
पूरी दुनिया और सोशल मीडिया पर ‘चमत्कारिक संत’ के नाम से मशहूर
संत जगदीश मुनि जी ने प्राचीन समय में ऋषि मुनियों द्वारा उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली प्राकृतिक चिकित्सा को आधुनिक तरीके से न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम से ऐसे चमत्कारिक उपचार किया गया है जोकि वास्तव में ही रोगी और उसके परिजनों के लिये किसी चमत्कार से कम नहीं है। संत जगदीश मुनि जी द्वारा लगाए जाने वाले शिविरों में पहुंचें रोगियों के उपचार में किसी प्रकार की दवाई का इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि संत जी न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम और वर्षों के अनुभव से ही दवाई रहित प्राकृतिक चिकित्सा से रोगी को ठीक कर देते हैं। संत जगदीश मुनि जी चमत्कारिक इलाज की बदौलत पूरी दुनिया और सोशल मीडिया पर ‘चमत्कारिक संत’ के नाम से मशहूर हो चुके हैं।
अकेला चल रे, अकेला चल रे…संत जगदीश मुनि जी महाराज
संत जगदीश मुनि जी द्वारा शुरू की गई विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा में आज तक किसी भी सरकार नेे कोई सहयोग नहीं दिया है। उनके द्वारा विश्व स्तरीय प्रोजैक्ट अपने स्तर पर ही बिना किसी सरकारी सहायता के चलाया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद संत जगदीश मुनि जी महाराज बिना किसी लोभ व लालच के देश व देश की जनता के हित में दिन रात सेवा में जुटे हुए हैं। ऐसे महान संत को कोटिन कोटिन नमन।
मानवता की सेवा में समर्पित संत जगदीश मुनि
(स्वास्थ्य क्षेत्र में संत जगदीश मुनि जी महाराज की उपलब्धियां)
7-लाख घुटनों के रोगी
5-लाख सरवाईकल के रोगी
3-लाख कमर दर्द
3-लाख पेट दर्द
2-लकवा के
1-सिर दर्द वा माई गारेंन
26500-गेहूं से एलर्जी रोगी
1850-सैरेबल पालसी(सी.पी) रोगी।
संत जगदीश मुनि जी 30 वर्षों में देश और दुनिया की निस्वार्थ सेवा करते हुए 24,28,350 (24 लाख 28 हजार 350 रोगियों) की सफल चिकित्सा कर चुके हैं।
-संत जगदीश मुनि जी की चमत्कारिक पद्धति से सी.पी से पीडि़त हजारों बच्चों को मिला नया जीवन।
-संत जगदीश मुनि जी द्वारा संचालित न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम में व्हीट एलर्जी का अचूक इलाज।
न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम के सैंकड़ों फायदे, नुकसान शून्य
संत जगदीश मुनि जी महाराज द्वारा अविष्कारित न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम प्राकृतिक चिकित्सा में एक अद्भुत और शक्तिशाली प्राकृतिक चिकित्सा है जिसका मानवीय शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं है। संत जगदीश मुनि जी के समाज में दिए गए अमूल्य योगदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता। उनके द्वारा न्यूरो हीलिंग पद्धति के जरिये किए गए सेवा कार्यों, सम्मान और उपलब्धियों को शब्दों का रूप देना बेहद कठिन है। इसके बावजूद उनके कार्यों, उपलब्धियों और प्रयासों और सकारात्मक परिणामों की बताने की कोशिश की गई है।
-वर्षों के अभ्यास, अनुसंधान और अनुभव के साथ न्यूरो हीलिंग पद्धति का आविष्कार किया।
-पिछले 30 वर्षों में 23 लाख रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया।
-भारत के विभिन्न हिस्सों में स्वस्थ भारत रोग मुक्त भारत के तहत 5 लाख किमी से अधिक सडक़ यात्रा करने वाले पहले संत।
-पूरी दुनिया में पहली बार अब तक न्यूरो हीलिंग पद्धति प्राकृतिक चिकित्सा के 15 दिनों के 480 शिविरों का आयोजन।
- अपने जीवन की परवाह किए बिना पग पग पर असामाजिक तत्वों से खतरा, फार्मा लॉबी की कथित धमकियों के बावजूद
बिना किसी सरकारी समर्थन और सुरक्षा के लोगों की बिना दवाई निस्वार्थ सेवा। - पुरी दुनिया में गेहूं की एलर्जी से पीडि़त 25,000 से अधिक रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज करने की बड़ी उपलब्धि।
-अनुभव व प्राकृतिक चिकित्सा के बलबूते हजारों सेरेब्रल पल्सी, मरीज़ और लाखों मरीज़ सर्वाइकल, माइग्रेन, कमर दर्द,
पक्षाघात, कटिस्नायुशूल, पेट विकार, थायराइड, ईएनटी समस्याओं से छुटकारा दिलवाया। - 480 सरकारी और गैर सरकारी संगठनों से सम्मान व प्रमाण पत्र।
-पिछले अनेक सालों से बिना रूके और बिना थके निरंतर प्रतिदिन 12 से 15 घंटे दैनिक सेवा।
-देश वासियों का भरपूर स्नेह, सम्मान और समर्थन लेकिन संपति शून्य।
-संत जगदीश मुनि जी का रेकी, एक्यूप्रेशर, रंग चिकित्सा, साधना समाधि पर 30 वर्षों का शोध प्राप्त।
-मुद्रा चिकित्सा, योग, चक्कर ज्ञान, अन्य पारंपरिक उपचार का गहरा अनुभव।
-संत जी के पास देश विदेशों से इलाज करवाने पहुंच रहे रोगियों व उनके परिजनों से सरकार का मिल रहा बड़ा राजस्व।
-न्यूरो हीलिंग पद्धति से बच्चे, जवान व वृद्ध सभी ले सकते हैं चिकित्सा।
-न्यूरो हीलिंग पद्धति पूरी तरह से दुष्प्रभाव रहित, शरीर पर कोई साइड इफ्ैक्ट नहीं।
संत जगदीश मुनि की सरकारों से अपील
प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति आमजन में जागरूकता पैदा करें राज्य व केन्द्र सरकार
संत जगदीश मुनि जी ने केन्द्र व राज्यों की सरकारों से प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति आमजन में जागरूकता पैदा करने की अपील की है और ही साथ ही न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम को सरकारी मान्यता देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से गांवों और तहसील स्तर पर सरकारी अस्पताल व डिस्पैंसरी खोले गए हैं, उन्हीं के तर्ज पर लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा से जोडऩे व लाभ देने के लिये न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम केन्द्र खोले जाएं और जहां पर लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम को सरकारी मान्यता मिलने से लोगों में जागरूकता आयेगी और आम जनता में प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा व योग से जोडक़र ही हिन्दुस्तान को रोग मुक्त बनाया जा सकता है।
दैनिक जागरण ने रत्न-ए-पंजाब अवार्ड से किया सम्मानित
पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार ङ्क्षसह संधवा भी महाराज की तारीफ किए बिना नहीं रह सकें
देश के सबसे बड़े प्रिंट मीडिया हाऊस दैनिक जागरण समाचार समूह द्वारा संत जगदीश मुनि जी महाराज द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में दी जा रही निस्वार्थ के लिये रत्न-ए-पंजाब अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड उन्हें स्वास्थ्य के क्षेत्र में दी जा रही शानदार सेवाओं के लिये दिया गया। इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार ङ्क्षसह संधवा द्वारा महाराज को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार ङ्क्षसह संधवा भी संत जी महाराज द्वारा की जा रही सेवाओं से बेहद प्रभावित हुए और उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सके। पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार ङ्क्षसह संधवा ने संत जगदीश मुनि जी महाराज के चरण स्पर्श कर उनका अभिवादन किया।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीडि़त बच्चों के लिये प्राकृतिक लेप की खोज
पिछले तीन दशकों से पूरे देश में प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता पैदा करने में जुटे और बिना दवाई व इंजैक्शन के सैंकड़ों रोगों का उपचार कर रहे संत जगदीश मुनि जी महाराज ने अब मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीडि़त बच्चों के लिये एक ऐसा प्राकृतिक लेप तैयार किया है जो ऐसे पीडि़त बच्चों की चिकित्सा में बेहद प्रभावशाली साबित होने वाला है और इससे पीडि़त बच्चों को अवश्य ही लाभ मिलेगा। संत श्री जगदीश मुनि जी महाराज ने भारत की प्राचीन महान विरासत व परंपरा को अपनाते हुए व प्राचीन ऋषि मुनियों व अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से एक प्राकृतिक लेप तैयार किया है जोकि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज में बेहद फायदेमंद साबित होने वाला है क्योंकि किसी अन्य पद्धति में इसका इलाज संभव नहीं है।
-परम श्रद्धेय संत जगदीश मुनि जी द्वारा शुरू किए गए खुशहाल भारत स्वस्थ भारत मिशन से जुड़ते हुए प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़ें।
-अपने शरीर से रोग को जड़ से खत्म करने के लिये न्यूरो हीलिंग पद्धति से जुड़ें और बिना किसी दुष्प्रभाव इलाज करवाएं।
-संत जगदीश मुनि जी द्वारा संचालित न्यूरो 108 हीलिंग सिस्टम से इलाज में कोई टीका व दवाई नहीं बल्कि प्राकृतिक तरीके से पूर्ण इलाज।
निरोग जीवन संस्थान, फाजिल्का।
आश्रम का पता: अबोहर रोड़, जंडवाला खरता रोड़, गांव बनवाला हनवंता। तहसील व जिला फाजिल्का।
मोबाइल नंबर:-
संत जगदीश मुनि द्वारा लगाए जाने वाले कैंपों में इलाज दौरान किसी भी असुविधा से बचने के लिये पहले रजिस्ट्रेशन करवाएं।